न्यूयॉर्क, 27 सितंबर 2025 (एजेंसी): संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में शुक्रवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाषण के दौरान 50 से अधिक देशों के सैकड़ों प्रतिनिधियों ने हॉल से वॉकआउट कर दिया। यह घटना इजरायल की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय अलगाव को दर्शाती है, जहां नेतन्याहू ने पश्चिमी देशों द्वारा फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने को 'शर्मनाक पागलपन' करार दिया और गाजा में 'काम पूरा करने' का वादा किया। भाषण के दौरान हॉल लगभग खाली हो गया, जबकि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने तालियां बजाईं।
नेतन्याहू ने अपने 20 मिनट के भाषण में ईरान और उसके सहयोगियों पर हमलों का बखान किया, जिसमें हमास, हिजबुल्लाह और हूती विद्रोहियों के नेताओं को निशाना बनाने का जिक्र था। उन्होंने एक छोटे नक्शे का सहारा लेते हुए कहा, "हमने ईरान के आतंक के जाल को तोड़ दिया है।" लेकिन भाषण का मुख्य हिस्सा फिलिस्तीन राज्य की मान्यता पर केंद्रित रहा, जहां उन्होंने ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की आलोचना की। "7 अक्टूबर के हमलों के बाद यरूशलेम से एक मील दूर फिलिस्तीन को राज्य देना 9/11 के बाद न्यूयॉर्क से अल-कायदा को राज्य देना जैसा है," उन्होंने कहा। अब 193 सदस्य देशों में से 157 ने फिलिस्तीन को मान्यता दे दी है।
वॉकआउट भाषण शुरू होने से ठीक पहले शुरू हो गया। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, 100 से अधिक राजनयिकों ने हॉल छोड़ा, जिसमें अरब, मुस्लिम, अफ्रीकी और कुछ यूरोपीय देश शामिल थे। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी ने मंगलवार को नेतन्याहू को 'अराजक सरकार' कहा था, जबकि फिलिस्तीनी अथॉरिटी के नेता महमूद अब्बास को गुरुवार को खड़े होकर तालियां मिलीं। अल जजीरा के अनुसार, वॉकआउट गाजा में इजरायली हमलों के खिलाफ था, जहां 65,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। नेतन्याहू ने गाजा में 'जेनोसाइड' के आरोपों को खारिज किया, कहा, "हमने लाखों पर्चियां गिराईं और मैसेज भेजे। नाजियों ने यहूदियों को जाने को कहा था?"
यह पहली बार नहीं है जब नेतन्याहू के भाषण पर वॉकआउट हुआ। 2024 में भी गाजा युद्ध के खिलाफ ऐसा ही विरोध हुआ था। भाषण के दौरान नेतन्याहू ने गाजा की सीमा पर लाउडस्पीकर लगाने का आदेश दिया, ताकि भाषण वहां प्रसारित हो। उन्होंने बंधकों को संदेश दिया, "हम आपको भूल नहीं गए," और हमास को चेतावनी दी। उनके कार्यालय ने दावा किया कि गाजा के फोनों पर भाषण स्ट्रीम किया गया, लेकिन कई निवासियों ने इससे इनकार किया।
न्यूयॉर्क में भाषण के बाहर हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। टाइम्स स्क्वायर से यूएन मुख्यालय तक मार्च निकाला गया, जहां 'फ्री फिलिस्तीन' और 'आर्म्स एम्बार्गो नाउ' के नारे लगे। फिलिस्तीनी यूथ मूवमेंट के प्रतिनिधि ने कहा, "नेतन्याहू न्यूयॉर्क में स्वागत योग्य नहीं है।" यूएन के बाहर हेग ग्रुप की बैठक में इजरायल पर प्रतिबंध लगाने पर चर्चा हुई।
इजरायल के विपक्षी नेता यायर लापिड ने भाषण को 'थका देने वाला' बताया, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि गाजा पर 'डील करीब है'। नेतन्याहू सोमवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप से मिलेंगे। यह घटना मध्य पूर्व शांति प्रयासों के लिए एक झटका है, जहां इजरायल की कार्रवाइयों पर वैश्विक दबाव बढ़ रहा है।