वाशिंगटन, 27 सितंबर 2025 (एजेंसी): अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों में हंगामा मच गया है, जब गूगल पर 'इडियट' शब्द सर्च करने पर ट्रंप की तस्वीरें टॉप रिजल्ट्स में दिखाई देने लगीं। इसे गूगल की 'एंटी-ट्रंप बायस' बताते हुए ट्रंप समर्थकों ने कंपनी पर राजनीतिक साजिश का आरोप लगाया। इस विवाद पर गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक वीडियो स्टेटमेंट जारी कर एल्गोरिदम की कार्यप्रणाली समझाई, जिसे ट्रंप समर्थकों ने 'सुंदर सफाई' करार दिया। पिचाई ने स्पष्ट किया कि यह कोई मैनुअल हेरफेर नहीं, बल्कि यूजर बिहेवियर का नतीजा है।
यह विवाद गुरुवार को तब भड़का जब सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट में दिखाया गया कि गूगल इमेज सर्च में 'इडियट' टाइप करने पर ट्रंप की कई फोटोएं प्रमुखता से दिखाई दे रही हैं। ट्रंप के पुत्र डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, "गूगल फिर से ट्रंप को टारगेट कर रहा है। यह बायस नहीं तो क्या है?" रिपब्लिकन सांसदों ने भी इसे 'इलेक्शन इंटरफेयरेंस' का उदाहरण बताया, खासकर 2024 प्रेसिडेंशियल इलेक्शन के नजदीक आते हुए। ट्रंप समर्थकों का एक ग्रुप 'बॉयकॉट गूगल' कैंपेन चला रहा है, जिसमें #GoogleBias ट्रेंड कर रहा है।
गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने शनिवार को एक लाइव सेशन में ट्रंप समर्थकों के सवालों का सीधा जवाब दिया। उन्होंने कहा, "हम कीवर्ड को लेते हैं और इसे अरबों वेब पेजेस के इंडेक्स से मैच करते हैं। रिजल्ट्स को रिलेवेंस, फ्रेशनेस, पॉपुलैरिटी और यूजर इंगेजमेंट जैसे 200 से ज्यादा फैक्टर्स पर रैंक किया जाता है।" पिचाई ने इसे 'गूगल बॉम्बिंग' का उदाहरण बताया, जहां ऑनलाइन कम्युनिटीज (जैसे रेडिट पर) ने जानबूझकर ट्रंप की इमेजेस को 'इडियट' से लिंक किया, जिससे एल्गोरिदम ने इसे रिलेवेंट मान लिया। "यह कोई कर्मचारी का हाथ नहीं, बल्कि इंटरनेट का सामूहिक व्यवहार है। हम 3 ट्रिलियन सर्चेस हैंडल करते हैं, हर सर्च पर मैनुअल इंटरवेंशन असंभव है।"
ट्रंप समर्थकों ने पिचाई की सफाई को 'सुंदर' लेकिन अपर्याप्त बताया। एक MAGA (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) ग्रुप के लीडर ने कहा, "पिचाई जी की एक्सप्लेनेशन अच्छी है, लेकिन यह यूजर्स की साजिश को कवर-अप लगता है। गूगल को ट्रांसपेरेंट बनना चाहिए।" कुछ समर्थकों ने 'बेस्ट प्रेसिडेंट एवर' सर्च का उदाहरण दिया, जहां ट्रंप की फोटो टॉप पर आती है, लेकिन 'इडियट' को राजनीतिक हमला मान रहे हैं। पिचाई ने जोर देकर कहा कि एल्गोरिदम न्यूट्रल है और किसी भी पॉलिटिकल प्रेशर में नहीं बदला जा सकता। "मैं खुद ट्रंप के सर्च रिजल्ट्स नहीं बदल सकता, क्योंकि सिस्टम ऐसा डिजाइन किया गया है।"
यह पहली बार नहीं है जब गूगल का एल्गोरिदम राजनीतिक विवादों में फंसा है। 2018 में भी हाउस ज्यूडिशियरी कमिटी की सुनवाई में पिचाई को यही सवाल पूछा गया था, जब डेमोक्रेटिक कांग्रेसवुमन जो लॉफग्रेन ने लाइव डेमो किया। हाल ही में 2024 में ट्रंप अटेम्प्टेड असैसिनेशन सर्च में ऑटोकंपलीट ग्लिच को भी बायस बताया गया था। गूगल ने स्पष्ट किया कि यह 'गूगल बॉम्बिंग' का पुराना फेनॉमिना है, जहां यूजर्स SEO टैक्टिक्स से रिजल्ट्स मैनिपुलेट करते हैं।
विवाद के बीच गूगल के शेयर्स में मामूली गिरावट आई, लेकिन पिचाई की सफाई के बाद सोशल मीडिया पर डिबेट जारी है। ट्रंप ने खुद टिप्पणी की, "गूगल फेक न्यूज फैला रहा है!" फिलहाल, कंपनी ने कहा कि वे एल्गोरिदम को और मजबूत करेंगे, लेकिन मैनुअल चेंजेस नहीं। यह घटना सर्च इंजन्स की न्यूट्रैलिटी पर बहस को तेज कर रही है।