बिहार विधानसभा चुनाव: NDA का साझा घोषणापत्र और राजनीतिक उठापटक

 बिहार चुनाव 2025 की गर्मी राजधानी पटना से लेकर राज्य के दूरदराज गाँवों में महसूस की जा रही है। भाजपा और जेडीयू ने अपना साझा चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया, जिसके ज़रिए गठबंधन की एकजुटता दिखाने की कोशिश हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा नेता इस चुनाव को न केवल बिहार के लिए, बल्कि देश की राजनीति के लिए भी अहम मानते हैं।



विपक्ष में तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा शुरू हो चुकी है, जिसमें वे बेरोजगारी, शिक्षा संकट और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दे उठा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने SIR विवाद पर बड़ी टिप्पणी की, जिसमें कहा कि अगर चुनाव प्रक्रिया में अनियमितता मिली तो पूरी वोटर लिस्ट ही रद्द करनी पड़ सकती है—यानी चुनावी प्रक्रिया पर केंद्र की पैनी नजर है। जाति, विकास और भ्रष्टाचार के मुद्दे बिहार के धरातल पर खूब उछाले जा रहे हैं।

राज्य के नेताओं का कहना है कि आगामी चुनाव बिहार की सूरत बदल सकते हैं। नए घोषणापत्र में शिक्षा व्यवस्था सुधार, युवाओं के लिए रोजगार, स्वास्थ्य सुविधा बड़ा करने, और महिला सुरक्षा जैसे अहम वादे किए गए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, अगर गठबंधन मजबूत रहता है, तो अगले पांच साल में राज्य की नीति में बड़ा बदलाव दिख सकता है.


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