जोधपुर, 21 सितंबर 2025 - राजस्थान के जोधपुर शहर में आज सुबह एक मैराथन दौड़ के आयोजन के कारण सर्किट हाउस चौराहे पर तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई। इस दौरान ट्रैफिक व्यवस्था के कारण आम जनता और पुलिस के बीच कहासुनी हो गई, जिससे परीक्षा देने जा रहे कई परीक्षार्थी अपने परीक्षा केंद्रों तक समय पर पहुंचने में असमर्थ रहे। इस घटना ने ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
सुबह लगभग 4:30 बजे सर्किट हाउस चौराहे पर मैराथन दौड़ के आयोजन के लिए सड़क को अवरुद्ध कर दिया गया। इस मैराथन का आयोजन स्वच्छ, स्वस्थ और नशामुक्त जोधपुर का संदेश देने के लिए किया गया था, लेकिन इसकी वजह से कई प्रमुख सड़कों पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया। स्थानीय लोगों और परीक्षार्थियों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा, जिससे उनकी नाराजगी बढ़ गई।
परीक्षा देने जा रहे कई छात्रों ने बताया कि वे राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अपने केंद्रों की ओर जा रहे थे, लेकिन सड़क बंद होने के कारण उन्हें देरी का सामना करना पड़ा। कुछ छात्रों ने तो यह भी दावा किया कि वे अपने परीक्षा केंद्रों तक समय पर नहीं पहुंच पाए, जिससे उनके भविष्य पर असर पड़ सकता है।सड़क पर जमा भीड़ और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। लोगों का आरोप था कि पुलिस ने ट्रैफिक प्रबंधन के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए थे। एक स्थानीय निवासी, रमेश कुमार ने कहा, "हमें पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी कि सड़क बंद रहेगी। मैं अपने बेटे को परीक्षा केंद्र छोड़ने जा रहा था, लेकिन अब वह लेट हो गया। यह बहुत गलत है।"
पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन भीड़ की नाराजगी के कारण तनाव बढ़ता गया। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन समय पर वैकल्पिक मार्गों की जानकारी न देने के कारण स्थिति और बिगड़ गई।
इस घटना ने जोधपुर ट्रैफिक पुलिस की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं। विशेष रूप से, यह देखा गया कि मैराथन जैसे बड़े आयोजनों के लिए शहर में ट्रैफिक प्रबंधन की कोई ठोस योजना नहीं थी। स्थानीय पत्रकार अशोक शर्मा ने अपने यूट्यूब चैनल पर इस घटना को कवर करते हुए कहा, "इन युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ का जिम्मेदार कौन? ट्रैफिक पुलिस को पहले से बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए थी।"
मैराथन के आयोजकों ने बताया कि यह दौड़ स्वच्छता और स्वास्थ्य जागरूकता के लिए आयोजित की गई थी। हालांकि, उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि इससे जनता को असुविधा हुई। आयोजक अंशुल जैन ने कहा, "हमारा उद्देश्य शहर को बेहतर बनाना था, लेकिन हम भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बेहतर समन्वय करेंगे।"
यह घटना जोधपुर में बड़े आयोजनों के प्रबंधन और ट्रैफिक व्यवस्था की कमियों को उजागर करती है। विशेष रूप से, परीक्षार्थियों के लिए समय का महत्व समझते हुए, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन और आयोजकों को मिलकर काम करना होगा। शहरवासियों ने मांग की है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों की सूचना पहले दी जाए और वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि आम जनता और विशेष रूप से छात्रों को परेशानी न हो।