अहमदनगर में स्वच्छता अभियान की पोल खोलती वीडियो : साफ जगह पर कचरा फैला कर सफाई करते हुए फोटो खिंचवाने का वीडियो वायरल

 अहमदनगर, महाराष्ट्र – 21 सितंबर, 2025 : सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे एक वीडियो ने अहमदनगर नगर पालिका के कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वीडियो में साफ-सुथरी जगह पर जानबूझकर कचरा फैलाने के बाद फोटो सेशन करने का सीन कैद हुआ है, जो स्वच्छ भारत अभियान की भावना का अपमान दर्शाता है। यह घटना एक मंदिर के पास हुई, जहां नगर पालिका के कर्मचारी कचरे को बाल्टियों से बिखेरते नजर आ रहे हैं, ताकि सफाई का झूठा प्रदर्शन कर सकें।


https://x.com/i/status/1969448796947169777

वीडियो X (पूर्व ट्विटर) यूजर @KHURAPATT द्वारा 20 सितंबर को शेयर किया गया, जिसमें मराठी में ओवरले टेक्स्ट है: "अहमदनगर नगर पालिका कर्मचारी फोटो-सेल्फी साठी कचरा फेकतात" यानी "अहमदनगर नगर पालिका के कर्मचारी फोटो और सेल्फी के लिए कचरा फेंकते हैं।" शुरुआती फ्रेम्स में एक साफ मैदान दिखता है, जहां एक जेसीबी मशीन खड़ी है, एक कार पार्क है और कुछ लोग बातचीत कर रहे हैं। फिर, एक व्यक्ति सफेद शर्ट और पीली पैंट में बाल्टी से कचरा खाली करता है, जबकि अन्य लोग हंसते-मुस्कुराते समन्वय करते हैं।

जैसे-जैसे वीडियो आगे बढ़ता है, टेक्स्ट कहता है: "पहिले साफ जागी कचरा फेकून नंतर फोटो काढा" अर्थात "पहले साफ जगह पर कचरा फेंको, फिर फोटो खींचो।" बाद में, कर्मचारी झाड़ू और बाल्टियां लेकर पोज देते हैं, मानो वे सफाई कर रहे हों। वीडियो का अंतिम टेक्स्ट चेतावनी देता है: "याचाच आहे डिजिटल इंडियाची गलिचीळ, फक्त उत्सव साजरा करा जनतेला मूर्ख बनवा" यानी "यही है डिजिटल इंडिया की गंदगी, बस उत्सव मनाओ और जनता को बेवकूफ बनाओ।" यह दृश्य एक मंदिर के गुंबद, तिरंगे झंडे और हरे-भरे इलाके से घिरे क्षेत्र में फिल्माया गया लगता है।

वीडियो में यह भी कहा गया है कि "नागरिकांमध्ये स्वच्छतेची जाणीव नसल्यामुळे प्रशासनाने स्वच्छता अभियानाचा अवमान केला" अर्थात "नागरिकों में स्वच्छता की जागरूकता न होने के कारण प्रशासन ने स्वच्छता अभियान का अपमान किया।" यह आलोचना न केवल स्थानीय प्रशासन पर, बल्कि पूरे सिस्टम की जवाबदेही पर सवाल उठाती है।

पोस्ट को अब तक 6,600 से अधिक व्यूज, 670 लाइक्स और 329 रीपोस्ट मिल चुके हैं। प्रतिक्रियाओं में लोग गुस्से से भरे हैं। एक यूजर ने लिखा, "बाबा के संविधान ने राजनीतिक दलों को नौटंकी कंपनी बना दिया।" दूसरे ने कहा, "यह नौटंकी हर जगह होती है?" जबकि एक अन्य ने @narendramodi को टैग कर शर्मिंदगी जताई। कुछ ने इसे "गंवार जनता" का दोष बताया, कुल मिलाकर, यह वीडियो स्वच्छ भारत अभियान, जो 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था, की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहा है। अभियान का लक्ष्य खुले में शौच समाप्त करना और कचरा प्रबंधन सुधारना था, लेकिन ऐसी घटनाएं इसे मजाक बना देती हैं।

स्थानीय निवासी और कार्यकर्ता जांच की मांग कर रहे हैं। एक गुमनाम निवासी ने कहा, "यह सिर्फ सफाई का मुद्दा नहीं, बल्कि संस्थाओं की ईमानदारी का सवाल है। अगर वे ऐसा मंचित कर सकते हैं, तो असल काम क्या हो रहा होगा?" अहमदनगर नगर पालिका ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

21 सितंबर, 2025 को दोपहर 3:35 बजे IST तक, वीडियो का प्रसार जारी है, जो डिजिटल मीडिया की ताकत दिखाता है। यह घटना याद दिलाती है कि सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और वास्तविक भागीदारी जरूरी है, वरना सोशल मीडिया पर ऐसे खुलासे ही बचेंगे।

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