प्रयागराज, सितंबर 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक पुलिस दरोगा की गुंडागर्दी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में दरोगा एक युवा छात्र को सार्वजनिक स्थान पर लगातार थप्पड़ मारते और गालियां देते नजर आ रहे हैं। घटना की वजह स्पष्ट नहीं है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों और सोशल मीडिया यूजर्स के अनुसार, यह एक महिला के साथ बहस के बाद हुआ। इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं और कई राजनीतिक नेताओं व छात्र संगठनों ने कार्रवाई की मांग की है।
वीडियो में दिख रहा है कि एक भीड़भाड़ वाले बाजार क्षेत्र में दरोगा युवक को पकड़कर उस पर थप्पड़ों की बौछार कर रहे हैं। युवक बार-बार माफी मांगता नजर आता है, लेकिन दरोगा नहीं रुकते। साथ ही, वीडियो में दरोगा द्वारा अपशब्दों का इस्तेमाल भी साफ सुनाई देता है। गौरतलब है कि वीडियो 19 सितंबर को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपलोड किया गया था और अब तक हजारों लाइक्स, रीपोस्ट और कमेंट्स मिल चुके हैं।
घटना की पृष्ठभूमि पर गौर करें तो रेडिट पर एक पोस्ट में बताया गया है कि दो युवकों का एक महिला से विवाद हुआ था। तभी पुलिस की गाड़ी आई और दरोगा ने एक युवक को थप्पड़ मारना शुरू कर दिया। पोस्ट में पुलिस की इस कार्रवाई को अनुचित बताया गया है और यूजर्स ने पुलिस की नशे में होने या पुरुषों के प्रति पक्षपात की आलोचना की है। कमेंट्स में यूजर्स ने सुझाव दिए कि पीड़ित को एसपी ऑफिस या मजिस्ट्रेट के पास शिकायत दर्ज करानी चाहिए, साथ ही पुलिस से बातचीत रिकॉर्ड करने की सलाह दी। हालांकि, घटना पर कोई आधिकारिक अपडेट नहीं आया है।
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर्स ने दरोगा का नाम ईश्वर शरण सिंह बताया है, जो प्रयागराज के कर्नलगंज थाने में तैनात हैं। एक पोस्ट में दावा किया गया है कि यह दरोगा अक्सर छात्रों और आम नागरिकों को परेशान करते हैं। कई यूजर्स ने यूपी पुलिस, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विपक्षी नेताओं जैसे अखिलेश यादव को टैग कर कार्रवाई की मांग की है। छात्र नेता रजत सिंह ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "छात्र की गलती क्या है, यह तो नहीं पता, लेकिन दरोगा की सक्रियता जरूर दिख रही है।" इस पोस्ट को हजारों रीपोस्ट मिले।
प्रयागराज पुलिस ने अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, सोशल मीडिया पर दबाव बढ़ने के बाद जांच की संभावना जताई जा रही है। विपक्षी पार्टियां इस घटना को योगी सरकार की कानून-व्यवस्था पर हमला करने के लिए इस्तेमाल कर रही हैं। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ट्वीट्स में कहा कि यह "योगी की पुलिस का नया चेहरा" है।
यह घटना उत्तर प्रदेश में पुलिस की मनमानी की एक और मिसाल है। हाल के महीनों में बरेली, लखनऊ और झांसी जैसे जिलों में भी पुलिस द्वारा युवकों को थप्पड़ मारने के वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें कुछ मामलों में दोषी अधिकारियों को सस्पेंड किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में बॉडी कैमरा और सख्त निगरानी की जरूरत है ताकि पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
पीड़ित की पहचान अभी सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन मानवाधिकार संगठनों ने इसकी जांच की मांग की है।