उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक अनोखी घटना ने सभी का ध्यान खींचा है। रामनगर थाना क्षेत्र के प्रसिद्ध श्री लोधेश्वर महादेव धाम में चल रहे कॉरिडोर निर्माण के दौरान खुदाई में मजदूरों को मिट्टी का एक घड़ा मिला, जिसमें 18वीं सदी के चांदी के सिक्के भरे हुए थे। इस खोज ने न केवल मजदूरों के बीच होड़ मचा दी, बल्कि पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।
यह घटना गुरुवार, 18 सितंबर 2025 को उस समय सामने आई, जब लोधेश्वर महादेव धाम परिसर में कॉरिडोर निर्माण के लिए मकान ध्वस्त किए जा रहे थे। जय नारायण गुप्ता के घर की नींव की खुदाई के दौरान मजदूरों को मिट्टी का एक पुराना घड़ा मिला। घड़े को खोलने पर उसमें से चमचमाते चांदी के सिक्के निकले, जो प्रारंभिक जांच में 1882 ईस्वी के ब्रिटिश काल के बताए जा रहे हैं।
मजदूरों ने जैसे ही सिक्कों को देखा, उनके बीच इन्हें हथियाने की होड़ मच गई। कुछ मजदूरों ने सिक्कों को छिपाने की कोशिश भी की, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों की सूचना पर महादेवा पुलिस चौकी प्रभारी अभिनंदन पांडे पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया।
पुलिस और राजस्व विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अब तक 75 चांदी के सिक्के बरामद किए हैं। हालांकि, अनुमान है कि सिक्कों की कुल संख्या 100 से अधिक हो सकती है, क्योंकि कुछ सिक्कों को मजदूरों द्वारा छिपा लिया गया हो सकता है। मजदूरों ने आरोप लगाया है कि ठेकेदार ने भी करीब 20 सिक्के अपने पास रख लिए हैं।
पुलिस ने सभी बरामद सिक्कों को जब्त कर लिया और उन्हें पुरातत्व विभाग को जांच के लिए भेज दिया है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, ये सिक्के ब्रिटिश काल के हैं और इनका ऐतिहासिक महत्व हो सकता है। पुरातत्व विशेषज्ञ इन सिक्कों की उत्पत्ति, निर्माण और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की जांच करेंगे ताकि इनके मूल्य और महत्व का पता लगाया जा सके।
सिक्कों की खोज के बाद मजदूरों के बीच बंटवारे को लेकर तनाव बढ़ गया। कुछ मजदूरों ने सिक्कों को आपस में बांटने की कोशिश की, जिसके चलते आपस में झड़प भी हुई। पुलिस ने समय रहते हस्तक्षेप कर स्थिति को संभाला, लेकिन इस घटना ने स्थानीय लोगों के बीच उत्सुकता और चर्चा का माहौल बना दिया।
ऐतिहासिक खजाने की संभावना
यह पहली बार नहीं है जब उत्तर प्रदेश में खुदाई के दौरान इस तरह के खजाने मिले हैं। इससे पहले संभल, औरैया और शामली जैसे जिलों में भी मुगलकालीन और ब्रिटिश कालीन सिक्कों की खोज की खबरें सामने आ चुकी हैं। इतिहासकारों का मानना है कि बाराबंकी में मिले सिक्के उस दौर की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को समझने में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
पुलिस ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए सिक्कों को जब्त कर लिया और मजदूरों से पूछताछ शुरू की। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस तरह की पुरातात्विक खोज को निजी तौर पर रखना गैरकानूनी है और सिक्कों को पुरातत्व विभाग को सौंपना अनिवार्य है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी के पास इस तरह के सिक्के हैं, तो वे उन्हें स्वेच्छा से जमा कराएं।
बाराबंकी में मिला यह खजाना न केवल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह स्थानीय लोगों के लिए भी कौतूहल का विषय बन गया है। पुरातत्व विभाग की जांच के बाद इन सिक्कों के बारे में और जानकारी मिलने की उम्मीद है। तब तक, यह घटना बाराबंकी के इतिहास में एक रोमांचक अध्याय के रूप में दर्ज हो चुकी है।
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