पश्चिम बंगाल: कोलकाता में मूसलाधार बारिश से हाहाकार, सड़कों पर भरा पानी, 7 लोगों की मौत; IMD का दो दिन का अलर्ट

 कोलकाता, 23 सितंबर 2025: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में रातभर हुई मूसलाधार बारिश ने शहर को जलमग्न कर दिया है। कई इलाकों में सड़कों पर तीन फीट तक पानी भर गया है, जिससे यातायात ठप हो गया और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इस आपदा में अब तक कम से कम 7 लोगों की मौत हो चुकी है, ज्यादातर बिजली के करंट लगने से। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले दो दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें दक्षिण बंगाल के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। दुर्गा पूजा के ठीक पहले आई इस बारिश ने शहरवासियों को चिंता में डाल दिया है।

बारिश की शुरुआत रविवार रात से हुई, जब बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण शहर में 250 मिलीमीटर से अधिक वर्षा दर्ज की गई। सोमवार सुबह तक कई प्रमुख सड़कें जैसे सेंट्रल एवेन्यू, थाकुरपुकुर, बेहाला और दक्षिणी इलाकों में पानी भर गया, जिससे वाहन फंस गए और लोग पैदल चलने को मजबूर हो गए। कुछ जगहों पर पानी का स्तर तीन फीट तक पहुंच गया, जिससे घरों में पानी घुस गया और बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। अधिकारियों के अनुसार, कम से कम 7-8 लोग बिजली के करंट से मारे गए, जिनमें से ज्यादातर पानी में डूबे तारों से संपर्क में आकर हादसे का शिकार हुए। मरने वालों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थिति पर चिंता जताई है और अधिकारियों को तत्काल राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बारिश से प्रभावित इलाकों में बचाव दल तैनात किए गए हैं और लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है। स्कूल-कॉलेज और परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं, जबकि कई दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम लागू किया गया है। अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने भी भारी बारिश और बाढ़ के कारण सोमवार को अपना कार्यालय बंद रखा।



IMD के अनुसार, पूरब और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना, झारग्राम और बांकुरा जिलों में भारी बारिश जारी रह सकती है। अलर्ट 25 सितंबर तक प्रभावी है, जब तक कम दबाव का क्षेत्र कमजोर नहीं होता। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि दुर्गा पूजा के दौरान भी मौसम प्रभावित हो सकता है, जिससे पंडालों और यात्राओं पर असर पड़ सकता है। राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा है और हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।

यह बारिश कोलकाता में मानसून की विदाई से पहले की आखिरी झड़ी मानी जा रही है, लेकिन इसने शहर की ड्रेनेज व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर साल बारिश में जलभराव होता है, लेकिन इस बार मौतों की संख्या ने चिंता बढ़ा दी है। अधिकारियों ने लोगों से पानी भरे इलाकों से दूर रहने और बिजली के तारों से सावधान रहने की सलाह दी है। राहत कार्य जारी हैं, और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

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