दिल्ली के शाहदरा में रहने वाले जुगल किशोर, जो पेशे से पुजारी थे और प्रॉपर्टी डीलर का काम भी करते थे, देश के हालिया सबसे बड़े ठगी घोटाले में गिरफ्तार किए गए हैं। मात्र 5वीं तक पढ़े जुगल ने प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का हवाला देकर 2700 करोड़ रुपये की ठगी की, जिसमें अधिकांश पीड़ित सरकारी कर्मचारी हैं.
ठगी का तरीका: सपनों का कारोबार
जुगल किशोर ने गुजरात के धोलेरा टाउनशिप प्रोजेक्ट के नाम पर देशभर में लगभग 70,000 निवेशकों से मोटी रकम ऐंठ ली। उसने दावा किया कि प्रधानमंत्री इस प्रोजेक्ट के 'ब्रांड एम्बेसडर' हैं और निवेश पर 3% साप्ताहिक रिटर्न, प्लॉट और मोबाईल-बाइक्स जैसी चीजें दी जाएंगी. निवेशकों को वेबिनार व ऑनलाइन मीटिंग्स में प्रधानमंत्री के वीडियो दिखाकर प्रोजेक्ट को वैध साबित करने की कोशिश की गई.
सरकार कर्मचारी बने शिकार
इस स्कीम का मुख्य टारगेट केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारी, पुलिस अधिकारी एवं सेना के रिटायर्ड अधिकारी थे। कई एजेंट्स ने राजस्थान, दिल्ली, गुजरात समेत देश के कई हिस्सों में हजारों लोगों को जोड़ा, जिनको भूमि, फ्लैट और शानदार रिटर्न का वादा किया गया.
कंपनी और रकम का ट्रैक
ठगी के लिए ‘Nexa Evergreen Pvt Ltd’ नामक कंपनी बनाई गई थी। लोगों को एक ऐप के जरिए डिपॉजिट ट्रैक करने दिया जाता था, बाद में ऐप बंद कर आरोपित भूमिगत हो गए। ठगी गई रकम को 27 फर्जी कंपनियों और करीब 1500 करोड़ रुपये कमीशन के तौर पर एजेंट्स को दिए गए. 1300 बीघा जमीन गुजरात में खरीदने का दावा भी किया गया, जिसमें लगभग 168 एकड़ का ट्रेस मिल चुका है.
गिरफ्तारी और जांच कार्रवाई
इस केस में अब तक 150 से अधिक एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। पुलिस ने जुगल किशोर समेत मुख्य साझेदारों – ओपेंद्र और सुभाष बियरणिया को गिरफ्तार किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देश के कई राज्यों में 24 जगहों पर छापे भी मारे हैं और इस घोटाले की रकम व संपत्तियों की तलाश जारी है. भारी-भरकम रकम की ठगी से हजारों परिवारों की जीवनभर की पूंजी डूब गई है। पीड़ितों में अधिकांश मध्यवर्गीय लोग हैं, जिन्हें अब फिर से कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ रही है। यह घटना बताती है कि सपनों और सरकार के नाम पर किया गया लालच आम लोगों को झांसे में फंसा सकता है, खासकर जब प्रचार हाईटेक और स्थानीय संपर्क मजबूत हो.