पूर्व कृषि वैज्ञानिक को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे 23 लाख रुपये

आगरा | 29 सितंबर, 2025 आगरा में एक सेवानिवृत्त प्रधान कृषि वैज्ञानिक को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट के बहाने 23 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया। यह घटना 10 सितंबर 2025 से शुरू हुई, जब ठगों ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर अधिकारी बताकर व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से वैज्ञानिक को धमकाना शुरू किया। सात दिनों तक चली इस डिजिटल अरेस्ट बाद पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद जांच शुरू की गई।

श्रीनगर कॉलोनी निवासी 80 वर्षीय डॉ. एचसी नितांत, जो भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से सेवानिवृत्त हैं, को 10 सितंबर की सुबह एक व्हाट्सएप कॉल मिली। कॉल करने वाले ने खुद को अजय पाटिल, ईडी अधिकारी बताया और दावा किया कि उनके बैंक खाते में 30 करोड़ रुपये से अधिक का अवैध लेनदेन हुआ है, जिसमें बच्चों की तस्करी से जुड़े एक गिरोह का हाथ है। इसके बाद 11 सितंबर को एक अन्य कॉलर ने खुद को आयकर अधिकारी बताते हुए घर पर रेड की धमकी दी।

ठगों ने डॉ. नितांत को डराते-धमकाते हुए सात दिनों तक रोजाना एक-एक घंटे तक वीडियो कॉल पर बंधक बनाए रखा। उन्होंने दावा किया कि उनकी गिरफ्तारी से बचने के लिए खाता खाली करना होगा। डर के मारे डॉ. नितांत ने अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) तोड़कर 23 लाख रुपये ठगों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए।

शिकायत के बाद साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि ठगों ने नकली पहचान पत्र और वर्दी पहनकर वीडियो कॉल की, जिससे पीड़ित को विश्वास हो गया। पुलिस अब ठगों के खातों का पता लगाने और उनके नेटवर्क को उजागर करने में जुटी है।

यह घटना साइबर ठगी के बढ़ते खतरे को उजागर करती है, जहां ठग फर्जी सरकारी अधिकारियों बनकर वरिष्ठ नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल अरेस्ट एक नई चाल है, जिसमें पीड़ितों को मानसिक दबाव में लाकर पैसे लूटे जाते हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अनजान कॉल्स पर तुरंत बैंक डिटेल्स या पैसे ट्रांसफर न करें और शक होने पर तुरंत हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।
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