ट्रंप द्वारा दूसरे देशों पर भारी टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने और कई बार तीखे बयान देने से अमेरिका की वैश्विक छवि और उसके रिश्तों पर असर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी टैरिफ नीति से खुद अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है, जबकि भारत जैसे उभरते बाजारों को फायदा मिल सकता है।
ट्रंप की टैरिफ नीति के कारण अमेरिका के पारंपरिक सहयोगी देशों के साथ भी व्यापारिक तनाव बढ़ा है, जिससे अमेरिका के लिए नए दुश्मन बनने या पुराने रिश्तों में दरार आने का खतरा बढ़ गया है। कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इन टैरिफ से अमेरिकी उद्योगों पर दबाव बढ़ेगा और वैश्विक व्यापार में अमेरिका की स्थिति कमजोर हो सकती है।
इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन ने रणनीतिक फायदे के लिए कभी-कभी अपने विरोधी देशों या संगठनों के साथ भी बातचीत की है, जिससे अमेरिका की नीति में विरोधाभास दिखता है और उसके पुराने सहयोगियों में असंतोष पैदा होता है।
संक्षेप में, ट्रंप की टैरिफ और बयानबाजी से अमेरिका के वैश्विक रिश्ते जटिल हो रहे हैं और इससे उसके भविष्य और वैश्विक नेतृत्व पर सवाल उठ सकते हैं
