देहरादून : सहस्त्रधारा में बादल फटने से भयंकर बाढ़ जैसी स्थिति, रिहायशी भवन क्षतिग्रस्त, लोगों के लापता होने की भी सम्भावना

 देहरादून के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा में 15-16 सितंबर की रात बादल फटने की वजह से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। यह घटना पहाड़ी राज्यों में तेजी से बदलते मौसमी पैटर्न और ग्लोबल वार्मिंग की गंभीरता को उजागर करती है। प्रशासन द्वारा तुरंत बचाव अभियान चलाया गया, दुकानों व घरों को भारी नुकसान हुआ और कई लोगों के लापता होने की खबर है। एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन पहाड़ी इलाका होने के कारण खोज में दिक्कतें आ रही हैं।

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इस प्राकृतिक आपदा का असर स्थानीय पर्यटन पर गंभीर रूप से पड़ेगा, जिससे न केवल अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचेगा, बल्कि क्षेत्र के लोगों की आजीविका भी प्रभावित होगी। राज्य सरकार ने राहत कोष की घोषणा की है, और भविष्य में ऐसी घटनाओं हेतु दीर्घकालिक रणनीति पर विचार हो रहा है—जैसे पहाड़ी जल-स्रोतों का बेहतर प्रबंधन और अलर्ट सिस्टम की मजबूती। विशेषज्ञ कहते हैं कि ग्लेशियरों के पिघलने, लगातार हो रही बारिश और मानवजनित बदलावों के कारण पर्वतीय क्षेत्र अत्यधिक संवेदनशील होते जा रहे हैं।



इस तरह की घटनाएँ हमारे आपदा प्रबंधन तंत्र की मजबूती व समाज की एकता के लिए बड़ी परीक्षा हैं। सरकार को चाहिए कि पहाड़ी क्षेत्रों की संचार व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधा व आपदा तैयारी में निवेश बढ़ाए जिससे भविष्‍य में नुकसान कम से कम हो सके.

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