भदोही, 21 सितंबर 2025 – उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में कानपुर की एक घटना के विरोध में निकाले गए जुलूस में 'सर तन से जुदा' जैसे उत्तेजक नारे लगाए गए, जिससे क्षेत्र में तनाव फैल गया। यह घटना 19 सितंबर 2025 को दोपहर के समय भदोही शहर के मुख्य बाजार क्षेत्र में हुई, जहां सैकड़ों मुस्लिम युवकों की भीड़ ने धार्मिक नारेबाजी के बीच गला काटने की धमकी वाले नारे लगाए। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की और FIR दर्ज कर कई लोगों को हिरासत में लिया। इस घटना ने राज्य में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दिया है, खासकर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य रखा है।
watch full video on https://x.com/i/status/1969301302766112899इसी विवाद से जुड़े 'I Love Mohammed' बैनर पर कानपुर पुलिस ने बारा वफात जुलूस के दौरान 25 युवकों के खिलाफ FIR दर्ज की। इस कार्रवाई के विरोध में भदोही में 19 सितंबर को जुलूस निकाला गया। जुलूस भदोही शहर के मुख्य चौराहे से शुरू होकर बाजार क्षेत्र तक पहुंचा, जहां प्रतिभागी 'I Love Prophet Muhammad' लिखे बैनर और पोस्टर लेकर चल रहे थे। दोपहर करीब 2 बजे से 4 बजे के बीच, भीड़ ने धार्मिक नारों के साथ 'सर तन से जुदा' की नारेबाजी की, जो वीडियो में साफ सुनाई दे रही है। प्रतिभागी ज्यादातर युवा थे, जिनमें से कई टोपी पहने हुए थे और जुलूस में कोई हथियार नहीं दिखाई दिया, लेकिन नारों से माहौल उत्तेजित हो गया।
वीडियो के वायरल होने के बाद स्थानीय पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। भदोही थाने में 20 सितंबर 2025 को सुबह FIR दर्ज की गई, जिसमें उत्तेजक नारे लगाने, सांप्रदायिक तनाव फैलाने और सार्वजनिक शांति भंग करने की धाराएं जोड़ी गईं। पुलिस ने जुलूस के आयोजकों और कुछ प्रमुख प्रतिभागियों को हिरासत में लिया, हालांकि अभी तक गिरफ्तारियों की संख्या की पुष्टि नहीं हुई है। भदोही के एसपी ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। सोशल मीडिया पर इस घटना की व्यापक निंदा हो रही है, जहां यूजर्स ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
यह घटना उत्तर प्रदेश में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव को दर्शाती है, जहां सोशल मीडिया पोस्ट से शुरू हुआ विवाद अन्य जिलों तक फैल गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ऐसे नारों पर समय रहते रोक नहीं लगाई गई, तो 2047 के विकसित भारत के सपने पर असर पड़ सकता है। सरकार की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन स्थानीय प्रशासन जांच जारी रखे हुए है।