मेरठ में यूपी एसटीएफ ने अग्निवीर भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े का बड़ा भंडाफोड़ किया है। स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने दो आरोपियों को आर्मी अस्पताल के पास से गिरफ्तार किया, जो अभ्यर्थियों को मेडिकल टेस्ट पास कराने के नाम पर लाखों रुपये वसूल रहे थे। इस धांधली के खुलासे से भर्ती प्रक्रिया की साख और युवाओं के भविष्य को बड़ा झटका लगा है.
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गिरफ्तार आरोपी नरेश कुमार और सचिन कुमार, दोनों मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं। इन लोगों ने अग्निवीर भर्ती के दौरान मेडिकल एग्जाम में पास कराने का झांसा देकर युवाओं को फंसाया। सेना भर्ती के असली दस्तावेजों की रंगीन फोटोकॉपी, नकली एडमिट कार्ड, मार्कशीट, फर्जी आर्मी रबर स्टाम्प, मोबाइल फोन और एक आल्टो कार बरामद की गई. STF ने सूचना मिलने के बाद आर्मी अस्पताल के पास घेराबंदी कर दोनों को दबोच लिया। इन्हें स्वास्थ्य जांच या दस्तावेज दिलाने का झूठा वादा करके भारी रकम हथियाते थे, कई बार द्वितीय चरण के दस्तावेज़ भी जाली तैयार कर देते थे. दोनों आरोपियों के खिलाफ सदर बाजार थाना, मेरठ में IPC और BNS के तहत गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने नेटवर्क के अन्य सदस्यों की खोज शुरू की है, क्योंकि इनके तार यूपी के अलावा पड़ोसी राज्यों से भी जुड़े पाए गए हैं. एसटीएफ टीम (उप निरीक्षक अरुण कुमार निगम के नेतृत्व में) ने ठगी के दस्तावेज और मोबाइल साक्ष्य खंगाले हैं। अब तक दर्जनों युवाओं को लाखों की ठगी का शिकार बनाया गया है। आशाओं से भरे युवा सेना में भर्ती का सपना देख रहे थे, लेकिन शातिर गिरोहों ने उनकी भावनाओं और पूंजी को निशाना बनाया। भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और सरकारी सिक्योरिटी सिस्टम पर सवाल उठे हैं। पुलिस और सेना प्रशासन ने भर्ती में पारदर्शिता और अभ्यर्थियों को जागरूक करने की अपील की है, ताकि कोई युवक ऐसे गिरोहों की चाल में न फंसे. प्रशासन ने हर अभ्यर्थी को चेताया है कि केवल आधिकारिक चैनल से ही भर्ती सम्बंधित सूचना लें और किसी भी लालच की तरफ न बढ़ें। पुलिस और सेना अब इस नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने की दिशा में काम कर रही है.