समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हो गए हैं। उन्होंने 22 अक्टूबर 2023 से जेल में रहकर आज मंगलवार 23 सितंबर 2025 को दोपहर करीब 12:15 बजे जेल से बाहर कदम रखा। आजम खान की रिहाई इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद हुई है।
आजम खान पर कुल 72 मामलों में जमानत मिली है, जिनमें भूमिहीनों के लिए किए गए क्वालिटी बार लैंड ग्रैब केस भी शामिल है। सीतापुर जेल के बाहर आजम खान के समर्थकों और उनके बड़े बेटे अदीब आजम ने उन्हें गर्मजोशी से स्वागत किया। रिहाई के बाद आजम खान सीधे रामपुर गए, जहां समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता उनकी अगवानी के लिए मौजूद थे।
उनकी रिहाई में कुछ देरी तकनीकी कारणों से हुई, जिसमें बेल बॉन्ड में पता गलत लिखे जाने की समस्या शामिल थी, जिसे ठीक कराने के बाद रिहाई की प्रक्रिया पूरी हुई। जेल प्रशासन ने बताया कि सही और पूरा पता बेल बॉन्ड पर होना अनिवार्य होता है और इसमें त्रुटि होने पर रिहाई में बाधा आ सकती है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आजम खान की रिहाई पर खुशी जताते हुए कहा कि यह समाजवादियों के लिए बड़ी जीत है। उन्होंने कोर्ट का आभार व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि पार्टी सरकार बनने पर आजम खान और अन्य समाजवादी नेताओं पर लगाए गए झूठे मुकदमों को वापस लिया जाएगा।
आजम खान जुलाई 2023 में अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में जेल गए थे। इससे पहले वे मई 2022 तक भी जमानत पर थे, लेकिन दोबारा जेल जाने के बाद अब 23 महीने बाद वे बाहर आए हैं।
आजम खान की रिहाई उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना मानी जा रही है। उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है, वहीं राजनीतिक विश्लेषक भी इसे आगामी चुनावी चुनावों में प्रभावी भूमिका निभाने के रूप में देख रहे हैं।
इस मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, ताकि उनके काफिले की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। आजम खान की रिहाई को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि वे आगे कितने समय तक जेल से बाहर रहेंगे, क्योंकि उन पर अभी भी कई मामले लंबित हैं।
इस प्रकार, 23 महीने की जेल यात्रा के बाद आजम खान ने समाजवादी पार्टी में अपनी मजबूती फिर से साबित कर दी है, और उनकी रिहाई ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।