शुक्रवार की घटना तब घटी जब मौलाना तौकीर रजा ने 'आई लव मुहम्मद' अभियान के समर्थन में प्रदर्शन का आह्वान किया। अधिकारियों ने प्रदर्शन की अनुमति न देने का दावा किया, लेकिन भीड़ ने कोतवाली क्षेत्र के एक मस्जिद के बाहर पुलिस पर पथराव किया। प्रदर्शनकारियों ने 'आई लव मुहम्मद' के पोस्टर लहराते हुए नारे लगाए, जिसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस झड़प में एक कांस्टेबल की वर्दी फाड़ दी गई और कई वाहनों को नुकसान पहुंचा। कुल 39 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 10 एफआईआर दर्ज की गईं।
पुलिस के अनुसार, मौलाना तौकीर रजा को शुक्रवार रात से ही निगरानी में रखा गया था। एसएसपी अनुरग अर्य ने बताया कि रजा ने अधिकारियों को भ्रमित करने की कोशिश की और शुक्रवार रात को अपने साथी फरहत के घर छिप गए, जबकि उनके समर्थकों को बताया गया कि वे दिल्ली चले गए हैं। शनिवार तड़के ट्रैफिक एसपी अकमल खान के नेतृत्व में पुलिस टीम ने उन्हें गिरफ्तार किया और सुरक्षित स्थान पर ले जाया। जिला मजिस्ट्रेट अविनाश सिंह और एसएसपी अर्य ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रजा और सात अन्य "शरारती तत्वों" ने हिंसा की साजिश रची थी। उन्होंने धारा 163 बीएनएसएस के तहत कार्रवाई की है।
मौलाना तौकीर रजा ने गिरफ्तारी से पहले एक वीडियो जारी कर दावा किया कि उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया था और पुलिस ने जानबूझकर मुसलमानों पर लाठियां बरसाईं। उन्होंने कहा, "अगर मैं जुमे की नमाज के लिए जाता, तो ऐसा कुछ नहीं होता। मेरी धार्मिक भावनाओं को दबाने की कोशिश हो रही है।" रजा ने यह भी आरोप लगाया कि उनके नाम से फर्जी पत्र जारी कर भ्रम फैलाया गया। उनके समर्थकों ने पुलिस की कार्रवाई को धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया है।
यह पहली बार नहीं है जब मौलाना तौकीर रजा विवादों में घिरे हैं। 2010 के बरेली दंगों में उन्हें उकसावे का मास्टरमाइंड ठहराया गया था, और 2019-20 के एंटी-सीएए/एनआरसी विरोध प्रदर्शनों में भी उन पर हिंसा भड़काने के आरोप लगे थे। बरेलवी सुन्नी समुदाय के प्रमुख नेता रजा अहमद रजा खान के परपोते हैं और अक्सर अपनी उत्तेजक बयानबाजी के लिए चर्चा में रहते हैं।
अधिकारी स्थिति को शांत बताते हुए सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं। डीएम अविनाश सिंह ने कहा, "शहर में शांति है और हम किसी भी उकसावे को काबू में रखेंगे।" इस घटना ने स्थानीय स्तर पर धार्मिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दिया है, और समर्थक रजा की रिहाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने 25 नामजद और 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
(यह रिपोर्ट विभिन्न स्रोतों से संकलित जानकारी पर आधारित है। आगे की अपडेट के लिए बने रहें।)