भारत के निर्यात में 6.18% की वृद्धि - अप्रैल-अगस्त 2025

 भारत के निर्यात में बढ़त दिखी है मर्चेंडाइस और अन्य सेवाओं सहित भारत की कुल निर्यात मूल्य लगभग 349.35  अमेरिकी डॉलर पहुँच गया है इसके विपरीत आयात में 7 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है यह प्रदर्शन भारत की निर्यात क्षेत्र में मजबूती को दर्शाता है और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद निर्यात बढ़ने का सकारात्मक संकेत है भारत के सबसे अधिक वैश्विक मांग वाले उत्पादों में स्पाइसेज (मसाले): भारत विश्व का सबसे बड़ा मसालों का निर्यातक है, जिनमें हल्दी, जीरा, धनिया, मिर्च और मसाला मिश्रण शामिल हैं। फार्मास्यूटिकल्स (दवाइयां): भारत विश्व का सबसे बड़ा जेनरिक दवाइयां उत्पादक और निर्यातक, टेक्सटाइल्स और वस्त्र, खासकर कॉटन, हैंडलूम, बनारसी सिल्क और काशीवेरी साड़ी को वैश्विक बाजार में बहुत पसंद किया जाता है। भारत हीरे की कटाई और चमकाने का विश्व का एक प्रमुख केंद्र है। पेट्रोलियम उत्पाद जैसे रिफाइंड ऑयल, डीजल, LPG आदि की भी बड़ी भारी मांग है। फर्नीचर और हस्तशिल्प में भारतीय हस्तशिल्प और लकड़ी के फर्नीचर की भी विदेशी बाजारों में अच्छी मांग रहती है। डेयरी उत्पाद के अनेको प्रकार जैसे उच्च गुणवत्ता वाले दूध, घी और पनीर आदि की बहुतायत में भारी वैश्विक मांग एवं आवश्यकता है। 

जिनमे से फार्मास्यूटिकल्स और टेक्सटाइल्स को सबसे अधिक वैश्विक मांग वाला भारतीय उत्पाद माना जाता है, जो विभिन्न देशों में रसोई और स्वास्थ्य क्षेत्र में लोकप्रिय हैं। भारत के मसाले और फैब्रिक्स का विशेष रूप से यूरोप, अमेरिका और मध्य पूर्व में बड़ा बाजार है। इसके अलावा, जेनरिक दवाइयां भी बहुतायत में विदेशों में निर्यात होती हैं.

भारत के प्रमुख निर्यात उत्पाद :

  • चमड़ा और चमड़े के उत्पाद: पर्स, जूते, जैकेट, क्रिकेट बॉल आदि

  • पेट्रोलियम उत्पाद: रिफाइंड पेट्रोलियम, जहाज ईंधन, डीजल, गैसोलीन, जेट ईंधन, एलपीजी

  • रत्न और आभूषण: हीरे, सोना, अनमोल रत्न

  • ऑटोमोबाइल और उपकरण पार्ट्स: मोटर वाहन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मशीनरी

  • फार्मास्यूटिकल्स और दवाइयां

  • वस्त्र और कपड़े: सूती टी-शर्ट, पतलून, कपड़ा उत्पाद

  • इलेक्ट्रॉनिक्स सामान: मोबाइल फोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी

  • डेयरी उत्पाद: दूध, घी, पनीर

  • हथकरघा उत्पाद और सूती धागे

  • अनाज: चावल, गेहूं, मक्का, बाजरा

ये उत्पाद भारत के निर्यात का बड़ा हिस्सा हैं और विभिन्न देशों को निर्यात किए जाते हैं। इनमें से चार प्रमुख उत्पादों का निर्यात कुल निर्यात का लगभग 50% हिस्सा बनाता है, जो भारत की अर्थव्यवस्था के आधार हैं.  

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