कोलकाता, 24 सितंबर 2025: कोलकाता में सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक हुई भारी बारिश ने शहर को ठप कर दिया। एक ही रात में सालाना बारिश का करीब 20% पानी बरस गया, जिससे बड़े पैमाने पर जलजमाव हुआ और कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई। दुर्गा पूजा की तैयारियां बुरी तरह प्रभावित हुईं, कई पंडाल पानी में डूब गए और आयोजकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अलीपुर स्टेशन पर 251.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 37 सालों में सितंबर का तीसरा सबसे ज्यादा एक दिवसीय रिकॉर्ड है। कुछ इलाकों जैसे गारिया कमदाहारी में 332 मिमी, जोधपुर पार्क में 285 मिमी और कालीघाट में 280.2 मिमी बारिश हुई। यह बारिश बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण हुई, जो शहर को क्लाउडबर्स्ट जैसी स्थिति में ला दिया।
मरने वालों में ज्यादातर बिजली के करंट लगने और डूबने से मौत हुई। पुलिस के मुताबिक, कोलकाता में नौ मौतें हुईं, जिनमें से सात बिजली के झटके से और दो डूबने से। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मौतों पर शोक जताया और दुर्गा पूजा के उद्घाटन को वर्चुअल करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि सीईएससी को बिजली व्यवस्था में लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
दुर्गा पूजा पंडालों पर असर सबसे ज्यादा पड़ा। कई पंडालों में पानी घुस गया, जिससे सजावट, लाइटिंग और मूर्तियां क्षतिग्रस्त हो गईं। आयोजकों ने उद्घाटन स्थगित कर दिए और कहा कि हफ्तों की मेहनत बर्बाद हो गई। पूजा की छुट्टियां पहले से शुरू कर दी गईं, स्कूल बंद रहे और सरकारी कर्मचारियों को छुट्टी दे दी गई।
शहर में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। मेट्रो और ट्रेन सेवाएं रुकीं, 91 उड़ानें रद्द हुईं और 42 देरी से चलीं। कई इलाकों में बिजली गुल रही और जल निकासी की समस्या बनी रही। आईएमडी ने अगले 24 घंटों में हल्की बारिश की संभावना जताई है, लेकिन पूजा उत्सव पर ज्यादा असर नहीं पड़ने की उम्मीद है।
यह घटना 1978 की बाढ़ की याद दिलाती है, जब पूजा से पहले भारी बारिश ने शहर को तबाह किया था। प्रशासन ने जल निकासी के लिए पंप लगाए हैं और स्थिति पर नजर रखी जा रही है। स्थानीय निवासियों ने शहर की ड्रेनेज व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।