वैश्विक स्तर पर आरोप प्रत्यारोपों के दौरान रूस ने किया बड़ा खुलासा : छः साल से कर रहे थे स्पुतनिक वी जैसी वैक्सीन बनाने की तैयारी

दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन रूस निर्मित स्पुतनिक वी की घोषणा के बाद से इस वैक्सीन पर अमेरिका ब्रिटेन जैसे देशों ने इसके निर्माण के दौरान नियमानुसार तय मानकों को नजरअंदाज करने का आरोप तो लगाया ही है साथ ही रूस के विशेषज्ञ डॉ अलेक्जेंडर ने खुद रूसी वैक्सीन पर गंभीर आरोप लगाए और इसके निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले गमलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट के निदेशक और रशियन मिलिट्री के वायरोलॉजिस्ट कर्नल सर्जी बोरिसेविक पर  एकेडमिक्स और मानकों को दरकिनार करने का आरोप लगाया है। 

विगत गुरूवार को रूस के सॉवरेन वेल्थ एंड आरडीआईएफ के प्रमुख किरिल दिमित्रीव ने चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा की --- "रूस स्पुतनिक वी जैसी वैक्सीन बनाने की तैयारी बीते 6 सालों से कर रहा है।  पिछले कुछ  सालों से हम इबोला, मर्स, सॉर्स जैसे वायरस की वैक्सीन विकसित कर रहे थे। सॉर्स कोव -2,जो की कोविड -19 फ़ैलाने वाले वायरस का प्रकार है ,मर्स से मिलता जुलता है।  हम मर्स की वैक्सीन लगभग दो  सालो से विकसित कर रहे हैं ।  यही कारण है की कोरोना के लिए स्पुतनिक वी वैक्सीन बनाने में हम जल्दी कामयाब हुए। इबोला के वैक्सीन को दिसंबर 2019 में मंजूरी मिल चुकी है लेकिन अभी तक मर्स के लिए कोई वैक्सीन नहीं बनी है।  जिन्हे रूस निर्मित कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक वी पर भरोसा नहीं है वे अपने टीके की तैयारी कर सकते हैं।"

भले ही रूसी कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक वी विवादों से  घिरी हुई है लेकिन फिर भी उसने इतिहास में दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन की जगह पर अपना नाम लिखा। सूत्रों की माने तो स्पुतनिक वी नवम्बर- दिसम्बर तक वैश्विक स्तर पर उपलब्ध हो सकेगी। फिलहाल अभी तक के सारे परीक्षणों को स्पुतनिक वी बिना किसी दुष्प्रभाव के सफलतापूर्वक पार कर चुका है। 

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