तिरुपति, आंध्र प्रदेश | 2 अक्टूबर, 2025
आंध्र प्रदेश के तिरुपति में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक बड़े खुलासे में पुलिस इंस्पेक्टर प्रेमवीर सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में FIR दर्ज की है। प्रारंभिक जांच में इंस्पेक्टर के पास 3 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति पाई गई, जो उनकी ज्ञात आय स्रोतों से 150% अधिक बताई जा रही है। बुधवार को ACB ने प्रेमवीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया, और उनकी संपत्तियों पर छापेमारी जारी है। यह मामला पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों को उजागर कर रहा है।
प्रेमवीर सिंह, जो 1996 में सब-इंस्पेक्टर के रूप में पुलिस सेवा में शामिल हुए थे, वर्तमान में तिरुपति अर्बन पुलिस जिले के कमांड कंट्रोल सेंटर में सर्कल इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं। ACB को गुप्त सूचना मिली थी कि वे अवैध तरीकों से संपत्ति अर्जित कर रहे हैं। जांच अवधि 2015 से 2024 तक रखी गई, जिसमें ACB ने उनके घर, बैंक खातों और रिश्तेदारों की संपत्तियों पर छापा मारा।
जांच में सामने आया कि प्रेमवीर सिंह ने अपनी पत्नी और रिश्तेदारों के नाम पर कई संपत्तियां खरीदीं, जिनकी कुल कीमत 3.07 करोड़ रुपये है। इसमें तिरुचानूर हरिजनवाड़ा में 2008 में खरीदा गया हाउस साइट, एमआर पल्ली में 2013 में पत्नी के नाम पर जी+2 मंजिला घर, अविलाला में 2009-2014 के बीच तीन हाउस साइट्स, दो कृषि प्लॉट (2011 में खरीदे), और एमआर पल्ली में निर्माणाधीन जी+4 मंजिला इमारत शामिल हैं। ACB के अनुसार, यह संपत्ति उनकी ज्ञात आय (वेतन, भत्ते आदि) से 150% अधिक है, जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PCA) 1988 की धारा 13(1)(e) के तहत अपराध है।
ACB के डायरेक्टर जनरल पीएसआर अंजनेयुलु ने बताया, "प्रेमवीर सिंह ने रिश्वत और अनुचित लाभ से यह संपत्ति अर्जित की। जांच में दस्तावेजी सबूत मिले हैं, जो उनके दावों को झुठला रहे हैं।"
ACB ने प्रेमवीर सिंह की पत्नी और तीन अन्य रिश्तेदारों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। जांच में पता चला कि संपत्तियों का अधिकांश हिस्सा पत्नी के नाम पर दर्ज है, लेकिन फंडिंग का स्रोत संदिग्ध है। बैंक रिकॉर्ड्स से अनधिकृत ट्रांसफर और नकदी जमा का खुलासा हुआ। ACB ने उनकी सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है और संपत्तियों की कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
प्रेमवीर सिंह ने पूछताछ में दावा किया कि संपत्तियां वैध स्रोतों से खरीदी गईं, लेकिन ACB के पास पर्याप्त सबूत हैं जो इसे खारिज करते हैं। मामला अब स्पेशल कोर्ट में चलेगा, जहां अधिकतम 7 साल की सजा का प्रावधान है।
यह मामला आंध्र प्रदेश पुलिस में भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों को रेखांकित करता है। हाल ही में तिरुपति में ही एक अन्य इंस्पेक्टर को रिश्वत केस में सस्पेंड किया गया था। पूर्व पुलिस अधिकारी डॉ. ए.आर. राघवन ने कहा, "सार्वजनिक सेवकों की संपत्ति पर सख्त निगरानी जरूरी है। ACB की कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन विभागीय सुधार भी आवश्यक हैं।"
राजनीतिक दलों ने भी प्रतिक्रिया दी। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता ने इसे "भाजपा शासन में पुलिस भ्रष्टाचार" बताते हुए जांच की मांग की, जबकि तेलुगु देशम पार्टी ने ACB की तारीफ की। सोशल मीडिया पर #CorruptCopExposed ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग पुलिस सुधार की मांग कर रहे हैं।
ACB ने कहा कि जांच जारी है और अन्य संदिग्धों के नाम सामने आ सकते हैं। राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाने का ऐलान किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि आयकर और ACB के बीच बेहतर समन्वय से ऐसे मामलों का पर्दाफाश आसान होगा।
यह घटना आम नागरिकों को सतर्क रहें कि सार्वजनिक सेवक उनकी आस्था का आधार होते हैं, लेकिन भ्रष्टाचार इस विश्वास को तोड़ता है। ACB की यह कार्रवाई भविष्य में अन्य मामलों के लिए मिसाल बनेगी।