घटना की शुरुआत एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी से जुड़े विवाद से हुई। शिकायतकर्ता यश करांडे और उनके साथी जयेश कुमार सोनार एक इंगेजमेंट सेरेमनी में काम कर रहे थे, जिसका प्रबंधन लोकेंद्र राव कर रहे थे। निर्देश थे कि स्टाफ मेहमानों का खाना न खाए, लेकिन यश की टीम ने ऐसा किया, जिससे मेजबानों की शिकायत हुई। इससे यश का 1,500 रुपये का भुगतान रोक दिया गया। गुस्से में यश और जयेश ने 18 सितंबर को शाम करीब 5:30 बजे लोकेंद्र के ऑफिस में घुसकर दरवाजा तोड़ा और गाली-गलौज की। लोकेंद्र के दोस्तों ने पुलिस को फोन किया, और सभी पक्षों को VP रोड पुलिस स्टेशन लाया गया।
स्टेशन पर पहुंचने के बाद यश, उनकी महिला मित्र और जयेश ने पुलिस पर आरोप लगाया कि वे उनकी शिकायत दर्ज नहीं कर रहे और इवेंट कंपनी का पक्ष ले रहे हैं। पुलिस के अनुसार, उस समय एक अन्य शिकायतकर्ता का बयान लिया जा रहा था, इसलिए इंतजार करने को कहा गया। लेकिन यश और उनकी महिला मित्र ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। वे पुलिस पर दबाव बनाने के लिए वीडियो रिकॉर्ड करने लगे, ताकि उनके खिलाफ ऑफिस में घुसपैठ का केस न दर्ज हो। इसी दौरान PSI दुर्गा खर्डे, जो एक अन्य केस हैंडल कर रही थीं, उनकी ऊंची आवाज से परेशान हो गईं।
वीडियो में साफ दिख रहा है कि PSI दुर्गा ने शिकायतकर्ताओं से चुप रहने और रिकॉर्डिंग बंद करने को कहा। जब यश ने कैमरा उनकी नेमप्लेट पर जूम किया, तो दुर्गा ने गुस्से में नेमप्लेट निकाली और कैमरा की ओर फेंक दी। यश ने कहा कि इससे महिला की आंख में चोट लग सकती थी। इसके बाद तीखी बहस हुई, जिसमें शिकायतकर्ताओं ने PSI के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की। वीडियो में पुलिस स्टेशन का माहौल तनावपूर्ण नजर आ रहा है, जहां कई अधिकारी खड़े हैं और बहस जारी है।
पुलिस ने लोकेंद्र राव की शिकायत पर यश और जयेश के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 329(4), 324(2), 352, 351(2) और 3(5) के तहत केस दर्ज किया। वहीं, वीडियो वायरल होने के बाद 22 सितंबर को गिरगांव डिवीजन के असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस दयानेश्वर वाघ को जांच सौंपी गई। अधिकारियों का कहना है कि PSI का व्यवहार गलत था, लेकिन शिकायतकर्ताओं ने भी पुलिस को दबाव में लाने की कोशिश की। जांच में सभी पहलुओं की पड़ताल की जा रही है।
यह घटना पुलिस के व्यवहार पर सवाल उठाती है, जहां एक ओर नागरिकों की सुरक्षा का दायित्व है, वहीं अभद्रता की घटनाएं विश्वास को ठेस पहुंचाती हैं। सोशल मीडिया पर लोगों ने PSI की निलंबन की मांग की है, जबकि कुछ ने शिकायतकर्ताओं के इरादों पर भी संदेह जताया। मुंबई पुलिस कमिश्नर ने मामले पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की उम्मीद है।