कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर कहा, "चोरी पकड़ी गई तो ताला लगाया।" उनका इशारा ईसीआईएनईटी पोर्टल पर नई 'ई-साइन' सुविधा की ओर था, जिसमें अब वोटर लिस्ट से नाम हटाने या जोड़ने के लिए आधार से लिंक मोबाइल नंबर जरूरी है। राहुल ने दावा किया कि यह बदलाव उनके वोट फ्रॉड के आरोप उठाने के बाद ही किया गया। उन्होंने कहा कि आयोग ने पहले वोट चोरी की अनदेखी की, लेकिन अब जब मामला सामने आ गया तो सख्ती दिखा रहे हैं।
यह विवाद कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा है, जहां हाल ही में हुए उपचुनाव में कथित तौर पर वोटर लिस्ट से हजारों नाम गायब होने के आरोप लगे। राहुल ने कहा कि ईसी को अब सबूत सीआईडी को सौंपना चाहिए, ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो। उन्होंने सीईसी ज्ञानेश कुमार से पूछा, "सबूत कब सीआईडी को देंगे?" कांग्रेस का आरोप है कि यह वोट चोरी भाजपा के पक्ष में थी।
चुनाव आयोग ने मंगलवार को इस नई प्रक्रिया की घोषणा की, जिसमें ऑनलाइन वोटर डिलीशन के लिए आधार-लिंक्ड ई-साइन की जरूरत बताई गई। आयोग का कहना है कि यह फ्रॉड रोकने के लिए है, लेकिन विपक्ष इसे देर से उठाया कदम बता रहा है। राहुल ने आगे कहा कि आयोग को न केवल ताला लगाना चाहिए, बल्कि चोरी करने वालों को भी पकड़ना चाहिए।
यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। कांग्रेस ने ईसी पर निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं, जबकि भाजपा ने आरोपों को खारिज किया है। कर्नाटक हाईकोर्ट में भी इसकी सुनवाई चल रही है। राहुल का यह बयान विपक्ष की रणनीति का हिस्सा लगता है, जो आगामी चुनावों से पहले ईसी की विश्वसनीयता पर हमला बोल रहा है।