खुद को इस्लाम और गाज़ा के संरक्षक का तमगा देने वाले आतंकी संगठन हमास ही ग़ज़ा के विवश की बड़ी वजह बन गया है अक्टूबर 2023 में इजराइल पर हमला करते समय हमास ने सपने में भी नहीं सोचा होगा की इस कुकृत्य का परिणाम इतना भयावह होगा आज गाज़ा की आम जनता दर-दर भटकने को मजबूर है, इसका मुख्य कारण हमास की आतंकी गतिविधियाँ और उसके बाद आया इजराइली सैन्य हमला है।
OPEN SOURCE IMAGE : UNRWA
इजराइल के जवाबी सैन्य ऑपरेशन के चलते 90% से ज्यादा गाज़ा के निवासी अपने घरों से बेघर हो गए हैं और दो-दो बार से ज़्यादा विस्थापित होना पड़ा है।
हमास ही जिम्मेदार क्यों ?
हमास ने अक्टूबर 2023 में इज़राइल पर हमला किया, जिससे 1,200 लोग मारे गए और 251 बंधक बनाए गए।
इसके जवाब में इजराइल ने गाजा में बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई शुरू की जिससे हर दिन हज़ारों लोग मारे जा रहे हैं और व्यक्ति नियमित रूप से विस्थापित हो रहे हैं।
हमास को एक आतंकवादी संगठन के रूप में माना जाता है जो गाजा पट्टी में नियंत्रण रखता है और इजराइल के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करता। वे कहते हैं कि वे वर्षों से इजराइल के अत्याचारों, घेराबंदी, और फलस्तीनी जनता की हत्या के जवाब में संघर्ष कर रहे हैं।
अक्टूबर 2023 में हमास द्वारा इजराइल पर सबसे घातक हमला हुआ, जिसमें सैकड़ों इजरायली नागरिक मारे गए। इसे हमास ने इजरायली दमन और घेराबंदी का जवाब बताया।
इजराइल ने इस हमले के बाद गाजा पट्टी पर व्यापक सैन्य अभियान छेड़ दिया जो अब तक जारी है। वे इसे खुद की सुरक्षा और आतंकवाद नाश के लिए जरूरी बता रहे हैं।
क्या सही है इजराइल का हमला ?
अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकार विशेषज्ञों का कहना है कि इजराइल के सैन्य अभियान में असंतुलन और अत्यधिक हिंसा है, जिससे हजारों नागरिक मारे गए हैं। कुछ विशेषज्ञ इजराइल के हमलों को अनुपातहीन और युद्ध अपराध मानते हैं।
हालांकि, कुछ देशों और विशेषज्ञों का मानना है कि इजराइल को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई का अधिकार है, लेकिन इसका तरीका और दायरा विवादों में है।
संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने स्थिति को गंभीर मानते हुए दोनों पक्षों को संयम बरतने की अपील की है, और कहा है कि नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकार विशेषज्ञों का कहना है कि इजराइल के सैन्य अभियान में असंतुलन और अत्यधिक हिंसा है, जिससे हजारों नागरिक मारे गए हैं। कुछ विशेषज्ञ इजराइल के हमलों को अनुपातहीन और युद्ध अपराध मानते हैं।
हालांकि, कुछ देशों और विशेषज्ञों का मानना है कि इजराइल को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई का अधिकार है, लेकिन इसका तरीका और दायरा विवादों में है।
संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने स्थिति को गंभीर मानते हुए दोनों पक्षों को संयम बरतने की अपील की है, और कहा है कि नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।