चंडीगढ़ में DRDO अधिकारी 50 हजार रुपये लेते रंगे हाथों विजिलेंस ने दबोचा

 चंडीगढ़, 2 अक्टूबर 2025 | रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के एक वरिष्ठ अधिकारी को चंडीगढ़ विजिलेंस ब्यूरो ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी अधिकारी ने मैनपावर सप्लाई के बिल क्लियर करने के बदले 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। यह घटना भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम में एक बड़ा झटका है, जहां यूनियन टेरिटरी (UT) चंडीगढ़ की विजिलेंस टीम ने शिकायत पर जाल बिछाकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 और 12 के तहत FIR दर्ज की गई है, और अब गहन जांच चल रही है।

विजिलेंस पुलिस स्टेशन, UT चंडीगढ़ में 1 अक्टूबर 2025 को FIR नंबर 06 दर्ज की गई। आरोपी DRDO के टेक्निकल ऑफिसर हैं, जो चंडीगढ़ स्थित कार्यालय में तैनात हैं। शिकायतकर्ता एक मैनपावर सप्लाई कंपनी का प्रतिनिधि था, जिसके बिल लंबे समय से अटके हुए थे। आरोपी ने बिलों को क्लियर करने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की। शिकायत मिलते ही विजिलेंस टीम ने एक ट्रैप टीम गठित की, जिसमें दो आधिकारिक गवाह भी शामिल थे।

जांच के दौरान आरोपी को रिश्वत राशि लेते हुए मौके पर पकड़ा गया। विजिलेंस के अनुसार, आरोपी ने पहले ही आधी रकम ले ली थी, और बाकी रकम बिल क्लियर करने के बाद देने का वादा किया था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा, और उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह घटना DRDO जैसे संवेदनशील संगठन में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों को उजागर करती है।


चंडीगढ़ प्रशासन ने हाल ही में भ्रष्टाचार के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' नीति की घोषणा की थी, और यह कार्रवाई उसी का हिस्सा है। विजिलेंस ब्यूरो के डायरेक्टर ने कहा, "हमारी टीम 24x7 अलर्ट पर है। ऐसी घटनाओं से सरकारी तंत्र को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।" पिछले कुछ महीनों में चंडीगढ़ में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जैसे पंचायत सचिव और ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर की गिरफ्तारी, जो रिश्वत लेते पकड़े गए थे।

विपक्षी दलों ने इसे सराहनीय कदम बताया, लेकिन साथ ही मांग की है कि DRDO जैसे केंद्रीय संगठनों में आंतरिक ऑडिट को मजबूत किया जाए। शिकायतकर्ता ने अपनी पहचान गुप्त रखी है, लेकिन उसने कहा, "अब बिल जल्द क्लियर होंगे, और ईमानदार लोग सुरक्षित महसूस करेंगे।"

बड़ा सवाल: रक्षा क्षेत्र में भी भ्रष्टाचार 

यह मामला रक्षा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को फिर से सामने लाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालते हैं। सरकार ने वादा किया है कि दोषी को सख्त सजा दी जाएगी, ताकि अन्य के लिए उदाहरण बने। चंडीगढ़ के निवासियों ने सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई की तारीफ की, लेकिन साथ ही अपील की कि ऐसी शिकायतों के लिए हेल्पलाइन को और सक्रिय बनाया जाए।

यह घटना न केवल चंडीगढ़, बल्कि पूरे देश के लिए चेतावनी है। क्या हम भ्रष्टाचार के इस जाल को तोड़ पाएंगे? विजिलेंस ने अपील की है – अगर आपको कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत शिकायत करें। न्याय की राह लंबी है, लेकिन शुरुआत हो चुकी है।

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