बरेली में विवाद के बाद दो दिनों लिए इंटरनेट सेवाएं बंद, दशहरा पर हाई अलर्ट

बरेली, 2 अक्टूबर 2025 (संवाददाता):  उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में जुमे (26 सितंबर) को 'आई लव मुहम्मद' अभियान को लेकर हुई हिंसक झड़पों के बाद प्रशासन ने सुरक्षा को मजबूत करते हुए दो दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट, ब्रॉडबैंड और एसएमएस सेवाओं पर रोक लगा दी है। यह कदम दशहरा उत्सव के दौरान शांति बनाए रखने के लिए उठाया गया है, जहां सोशल मीडिया के दुरुपयोग से अफवाहें फैलने का खतरा मंडरा रहा है।

जिला प्रशासन के आदेशानुसार, 2 अक्टूबर दोपहर 3 बजे से शुरू होकर 4 अक्टूबर दोपहर 3 बजे तक 48 घंटे की यह बंदी प्रभावी रहेगी। गृह विभाग के एक नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया गया है कि फेसबुक, यूट्यूब और व्हाट्सएप जैसी प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल अफवाहें फैलाने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए किया जा सकता है। गृह सचिव गौरव दयाल ने कहा, "यह कदम शांति और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक है। दशहरा जैसे महत्वपूर्ण पर्व पर किसी भी प्रकार की अशांति को रोका जाना चाहिए।"

घटनाक्रम 26 सितंबर को कोतवाली क्षेत्र के एक मस्जिद के बाहर शुरू हुआ, जब लगभग 2,000 प्रदर्शनकारियों ने 'आई लव मुहम्मद' अभियान के समर्थन में विरोध जताया। प्रदर्शन के दौरान पथराव और हिंसा भड़क उठी, जिसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस झड़प में कई लोग घायल हुए। हिंसा के बाद बरेली के चार जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया।

प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले मौलवी तौकीर रजा खान को गिरफ्तार करकरते हुए पुलिस ने कुल 39 लोगों को हिरासत में लिया है, और संवेदनशील इलाकों में भी भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की टीमें भी सतर्क मोड में हैं।

दशहरा पर ड्रोन निगरानी:

दशहरा (विजयादशमी) के मौके पर, जो इस वर्ष 2 अक्टूबर को मनाया जा रहा है, बरेली डिवीजन के चार जिलों में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। भगवान राम के रावण पर विजय के प्रतीक के रूप में रावण दहन का आयोजन हो रहा है। प्रशासन ने ड्रोन का इस्तेमाल कर निगरानी तेज कर दी है, ताकि किसी भी संभावित खतरे को तुरंत रोका जा सके।

पिछले कुछ दिनों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक को बढ़ाया भी गया था, जो अब दशहरा तक जारी रहेगी। नेटब्लॉक्स जैसे संगठनों ने भी बरेली में इंटरनेट कनेक्टिविटी में व्यवधान की पुष्टि की है। स्थानीय निवासियों ने बंदी से असुविधा जताई है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यह सार्वजनिक सुरक्षा के हित में है।

बरेली एसएसपी ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सतर्कता बरती जा रही है। एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) को 10 दिनों का समय दिया गया है, जो हिंसा की गहन जांच करेगी।


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