वॉशिंगटन डी.सी. : अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर एक ऐसे नए मोड़ पर पहुँच गई है, जहाँ से दुनिया की अर्थव्यवस्था (Economy) में बड़े बदलाव की आशंका है। अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से होने वाले सभी आयात (Imports) पर 100 फ़ीसदी का भारी टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है।
दिलचस्प बात यह है कि इस फैसले की वजह नोबेल शांति पुरस्कार न मिलने से उनका गुस्सा बताया जा रहा है।

💸 100% का 'डबल अटैक'
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' के ज़रिए इस नए "महा-शुल्क" (Mega-Tariff) की घोषणा की।
यह नया 100% टैरिफ 1 नवंबर 2025 से लागू होगा, या चीन की तरफ से किसी नई कार्रवाई के बाद और जल्दी भी हो सकता है।
बड़ी बात: ट्रंप ने स्पष्ट किया कि यह 100% शुल्क चीन के उत्पादों पर वर्तमान में लगे हुए किसी भी टैरिफ के 'ऊपर' होगा। इसका मतलब है कि चीनी उत्पादों की अमेरिकन मार्केट में कीमत (Price) अब तक के सबसे ऊँचे स्तर पर पहुँच जाएगी।
🪨 Rare Earth पर रोक, ट्रंप का ग़ुस्सा
हालाँकि, नोबेल की बात तो हेडलाइन में छाई है, लेकिन ट्रंप ने इस कड़े कदम की आधिकारिक वजह चीन के हाल ही में उठाए गए एक कदम को बताया है।
ट्रंप का कहना है कि चीन ने दुर्लभ खनिज (Rare Earth) और उनसे जुड़ी तकनीकों के निर्यात (Export) पर प्रतिबंध लगाकर "दुनिया को बंदी बनाने" की कोशिश की है। उन्होंने चीन पर "बहुत आक्रामक" होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह नया टैरिफ अमेरिका के हितों की रक्षा के लिए ज़रूरी है।
🤝 शी जिनपिंग से मुलाक़ात रद्द
ट्रेड और कूटनीति (Diplomacy) के क्षेत्र में तनाव इतना बढ़ चुका है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने चीनी समकक्ष, राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ होने वाली आगामी बातचीत और मुलाक़ात की संभावनाओं को भी ख़ारिज कर दिया है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि, "अब इस मुलाक़ात का कोई कारण नहीं दिखाई देता।"
विशेषज्ञों का मानना है कि इस 100% टैरिफ से दोनों शक्तिशाली देशों के बीच आर्थिक (Economic) तल्खियाँ तेज़ी से बढ़ेंगी और इसका असर वैश्विक (Global) सप्लाई चेन और अन्य देशों पर भी पड़ेगा।